सामान्यतया, समीक्षात्मक अवगति का वाहक होने के नाते, दर्शन मूल्यों के क्षेत्र में तर-तम भाव के निरूपण एवं व्याख्या का प्रयत्न करता है।
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सामान्यतया, समीक्षात्मक अवगति का वाहक होने के नाते, दर्शन मूल्यों के क्षेत्र में तर-तम भाव के निरूपण एवं व्याख्या का प्रयत्न करता है।
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सामान्यतया, समीक्षात्मक अवगति का वाहक होने के नाते, दर्शन मूल्यों के क्षेत्र में तर-तम भाव के निरूपण एवं व्याख्या का प्रयत्न करता है।
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एक दृष्टि से कहा जा सकता है कि प्रत्येक क्षेत्र में दर्शन अपने-देश काल की मूल्य-सम्बन्धी तर-तम भाव की प्रचलित दृष्टि का स्पष्टीकरण एवं उसे सैद्धान्तिक आधार देने का प्रयत्न होता है।
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एक दृष्टि से कहा जा सकता है कि प्रत्येक क्षेत्र में दर्शन अपने-देश काल की मूल्य-सम्बन्धी तर-तम भाव की प्रचलित दृष्टि का स्पष्टीकरण एवं उसे सैद्धान्तिक आधार देने का प्रयत्न होता है।
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एक दृष्टि से कहा जा सकता है कि प्रत्येक क्षेत्र में दर्शन अपने-देश काल की मूल्य-सम्बन्धी तर-तम भाव की प्रचलित दृष्टि का स्पष्टीकरण एवं उसे सैद्धान्तिक आधार देने का प्रयत्न होता है।